शनिवार, 7 जनवरी 2012

हेल्लो इंडिया कम ऑन इंडिया
एक  बार फिर सिडनी में भारत एक पारी और 122 रनों से हारा. ये तो होना ही था . मैंने पहले टेस्ट
 की हार पर लिखा था . कागज के ये शेर कभी
 किसी मैच में200 रन बना दे तो पूरा देश सर पर
 बिठा लेता है . हम भारतीय बड़े भावुक है .
बिना विश्लेषण के चल पड़तेहै अरे हकीकत  समझो. ऑस्ट्रेलिया में बलेबाजबाज 
पिट गए और गेंदबाज पिटवा रहे है  
फील्डिंग की पूछो मत . कागजीशेर समुन्द्र में 
अपनी अर्धांगनीओ के साथ घूम  रहे है कोई हिन्दुस्तानी खिलाडी गोरिओ को देख कर
इशारे कर रहा है.  तब आप ये कैसे सोच सकते है
की हमारे बूढ़े शेर जीत सकते है ? 
हमारे   चयनकर्ता जब तक नए खून को 
मौका नहीं देंगे तब तक हम टीवी पर, रेडियो में न सुनेंगे न देखेंगे 
जय राम जी की. 
  

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